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वन पंचायत सरपंच ऊखीमठ पवन राणा की अध्यक्षता में हुई ग्राम ऊखीमठ की पहली खुली बैठक पांच साल बाद होने जा रहा है ऊखीमठ में पांडव नृत्य सभी क्षेत्र के जनप्रतिनिधियों ने दिए अपने अपने बेठक में सुझाव

वन पंचायत सरपंच ऊखीमठ पवन राणा की अध्यक्षता में हुई ग्राम ऊखीमठ की पहली खुली बैठक पांच साल बाद होने जा रहा है ऊखीमठ में पांडव नृत्य सभी क्षेत्र के जनप्रतिनिधियों ने दिए अपने अपने बेठक में सुझाव

हिमालय की आवाज से खोजी संवाददाता-हरीश चन्द्र देव भूमि ऊखीमठ से

खबर है रुद्रप्रयाग जिले व ऊखीमठ ब्लॉक से आपको बता दें कि रविवार को पांडव नृत्य को लेकर ग्राम ऊखीमठ में एक खुली बैठक आहूत की गई बैठक की अध्यक्षता वन पंचायत सरपंच पवन राणा की अध्यक्षता में की गई पांडव नृत्य की पहली खुली बैठक में वन पंचायत ऊखीमठ के समस्त जनप्रतिनिधि व स्थानीय लोगों और पंच लोगों के द्वारा अपने अपने सुझाव दिए गए जिसमें वन पंचायत सरपंच पवन राणा ने कहा कि वन पंचायत ऊखीमठ सांस्कृतिक पौराणिक का धरोहर है जिसमें पांडव नृत्य बग्डवाल नृत्य चण्डिका पाठ व नृत्य होना बहुत जरूरी है उन्होंने कहा कि जो हमारी पूर्वजों से जो पांडव नृत्य होते चला आ रहा है उसको जीवित रखते हुए यह धार्मिक कार्य इस बार जरूर किया जाएगा जो कि देवभूमि उत्तराखंड की संस्कृति की पहचान है वहीं निर्वतमान नगर पंचायत अध्यक्ष विजय राणा ने कहा कि इस बार ग्राम ऊखीमठ में पांडव नृत्य में जो भी सर्व समिति द्वारा निर्णय लिया जाएगा उसका हम समर्थन करेंगे उन्होंने पांडव नृत्य को लेकर बेठक में अपना सुझाव देते हुए कहा कि इस बार का पांडव नृत्य बहुत भव्य होगा जिसमें चक्रव्यूह का भी शानदार मंचन किया जाएगा वहीं व्यापार मंडल अध्यक्ष राजीव भट्ट ने कहा कि जो भी हमारे बुजुर्ग और सर्व समिति निर्णय लेगी हम उस फैसले का समर्थन करेंगे उन्होंने ने भी बैठक में अपना सुझाव देते हुए इस पूरी कमेठी का समर्थन किया रंगकर्मी व गणमान्य पंच अर्जुन रावत ने भी खुली बैठक में अपना सुझाव देते हुए कहा कि यह पांडव नृत्य हमारे ग्राम ऊखीमठ में कई वर्षों से होते चला आ रहा है उन्होंने कहा कि इस पांडव नृत्य होने से क्षेत्र की दिशा घिण्याडियो व पूरी घाटी में शुख शांति का माहोल बनता है उन्होंने कहा कि उनके द्वारा भी पूरा सहयोग रहेगा अर्जुन रावत ने कहा कि ऊखीमठ एक धार्मिक स्थल है जहां केदारनाथ व मद्महेश्वर बाबा की साक्षात दर्शन किया जाता है उनकी डोली पंच गद्दी स्थल ओंकारेश्वर मंदिर ऊखीमठ में विराजमान रहती है वहीं पांडव नृत्य को लेकर उन्होंने कहा कि हम इस बार की पांडव नृत्य ऐतिहासिक करेंगे बैठक में भूपेंद्र राणा ने भी अपने सुझाव देते हुए कहा कि यह पांडव नृत्य हमारे पूर्वजों के बारे से होते चला आ रहा है बताया कि इस प्रकार के धार्मिक कार्य होने से आपस में प्यार प्रेम बढ़ता है साथ ही पूरे क्षेत्र में सुख शांति समृद्धि का माहौल बनता है राणा ने कहा कि पांडव नृत्य के साथ बग्ड़वाल नृत्य होना भी बहुत जरूरी है जिसको आने वाले समय में पांडव नृत्य के बाद किया जाएगा वहीं पहली खुली बैठक में बजपाणी, गांधीनगर, प्रेमनगर, ब्राहमणखोली डगवाडी के ग्रामवासियों व जनप्रतिनिधि मौजूद रहे बता दें कि पांडव नृत्य की पहली खुली बैठक में मंच संचालन पूर्व प्रधान ऊखीमठ जगदीश लाल द्वारा किया गया बैठक में रंगकर्मी दीपक नेगी ने बताया सर्व समिति द्वारा जो भी फैसला लिया जाएगा उसका हम समर्थन करेंगे और पांडव नृत्य में अपना सहयोग करेंगे क्षेत्र के गणमान्य पंच विनोद कुंवर ने बताया कि आज की इस मिटिग को देखते हुए लगता है कि ग्राम ऊखीमठ की जनता में एकता दिखाई दे रही है जो कि पहली बार दिखाई दिए उन्होंने कहा कि इस धार्मिक कार्य में भी हम समर्थन करते हैं अतः मैं पांडव नृत्य की खुली बैठक में सर्व समिति द्वारा निर्णय लिया गया है कि अगले रविवार को पांडव नृत्य की पुरानी कार्यकारिणी को समाप्त किया जाएगा और नई कार्यकारिणी का गठन किया जाएगा जिसमें समस्त जनप्रतिनिधि व स्थानीय लोगों की सहमति से यह निर्णय लिया गया इस मौके पर प्रकाश वर्मा रंगकर्मी बबलू जंगली, महामंत्री महेश बत्वाल, मनवर नेगी, दलबीर नेगी, मनवर गुसाईं, संतोष, सामाजिक कार्यकर्ता नागेंद्र राणा, विकेक विश्वनाथ, नागेंद्र शैव, नवीन शैव वन पंचायत चौकीदार गैणा लाल, राजन सेमवाल, देवेन्द्र प्रसाद, हरिमोहन भट्ट, महेश गुसाईं, श्याम सिंह बिष्ट, नागेंद्र शैव, रिंकू, दिलबर सिंह बत्वाल, विजयपाल सिंह बत्वाल, राजेन्द्र सिंह सौरभ बिष्ट, कैलाश शर्मा, दिनेश फौजी, बीर सिंह, अंजना देवी, आशा देवी, गायत्री देवी, गुड्डी देवी, ऋतित शैव, यशबीर बत्वाल, महाबीर राबत, के साथ कई सैकड़ों मौजूद खुली बैठक में मौजूद रहे

 

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