उत्तराखंड सरकार जरा इस पर्यटन स्थल पर भी ध्यान दीजिए देवरिया ताल पर्यटन स्थल के नाम से जरुर जाना जाता है मगर कोई सुविधा इस पर्यटन स्थल पर नहीं है प्रधान मनोरमा नेगी ने लगाई सरकार से गुहार बैठक में कई बार हुई चर्चा पढिए पूरी खबर।
हिमालय की आवाज से खोजी संवाददाता-हरीश चंद्र देव भूमि ऊखीमठ से
उत्तराखंड सरकार जरा इस पर्यटन स्थल पर भी ध्यान दीजिए देवरिया ताल पर्यटन स्थल के नाम से जरुर जाना जाता है मगर कोई सुविधा इस पर्यटन स्थल पर नहीं है प्रधान मनोरमा नेगी ने लगाई सरकार से गुहार बैठक में कई बार हुई चर्चा पढिए पूरी खबर।
हिमालय की आवाज से खोजी संवाददाता-हरीश चंद्र देव भूमि ऊखीमठ से
खबर है रुद्रप्रयाग जिले से आपको बता दें कि तृतीय केदार भगवान तुंगनाथ धाम का मुख्य पड़ाव सारी गांव से लगभग 3 किलोमीटर दूरी पर पर्यटक स्थल देवरिया ताल बसा है ओर इस पर्यटक स्थल पर हर साल लाखों यात्री घूमने जाते हैं। बता दें कि पर्यटक स्थल देवरिया ताल केवल पर्यटक स्थल नहीं बल्कि धार्मिक स्थल भी है अगर देवरियताल की बात करें तो इस स्थान पर कालिया नाक के सर पर नृत्य किया था और उनको शांत किया था इसलिए जब भी श्री कृष्ण जन्माष्टमी होती है तो देवरिया ताल में श्री कृष्ण जन्माष्टमी महोत्सव को धूम धाम से मनाया जाता है साथ ही स्थानीय जनता द्वारा भगवान श्री कृष्ण की झांकियां निकाली जाती है यही इस स्थान की मान्यता है ग्राम प्रधान सारी मनोरमा नेगी ने बताया कि पर्यटक स्थल देवरिया ताल में हर साल देश विदेश के लाखों पर्यटक यात्री घूमने आते हैं ओर यह पर्यटक स्थल सारी गांव से लगभग 3 किलोमीटर दूरी पर स्थित है जिसमें पदैल मार्ग का रास्ता तय करना पड़ता है उन्होंने कहा कि देवरियताल को पर्यटक स्थल के नाम से तो जरूर जाना जाता है लेकिन इस स्थल पर जब देश विदेश के लाखों पर्यटक घूमने आते हैं तो उन्हें कोई भी सुविधा नहीं मिल पाती है जैसे सबसे पहले शुलभ शौचालय, पानी व पैदल मार्ग पर साफाई की सबसे बड़ी समस्या बनीं रहतीं हैं जिससे देश विदेश के लाखों यात्रियों को भारी समस्या झेलनी पड़ती है प्रधान मनोरमा नेगी ने कहा कि उनके द्वारा जबकि इन समस्याओं को लेकर कहीं बार शाशन प्रशासन व वन विभाग को कई बैठकों में अगवत कराया गया है लेकिन फिर भी यह समस्या तस की तस बनी हुई है प्रधान का कहना है कि जब देश विदेश के पर्यटक या यात्री इस स्थान पर आते हैं तो उन्हें सबसे पहले पानी और सुलभ शौचालय की समस्या होती है साथ ही सारी गांव से देवरिया ताल का 3 किलोमीटर पैदल मार्ग पर एक भी सोलर लाईट नहीं लगने से यात्रियों को बहुत ही परेशानियों का सामना करना पड़ता है कहा कि यह एक पर्यटक स्थल व धार्मिक स्थल है और यात्री इस रास्ते रात को भी जाते हैं लेकिन इस मार्ग पर लाईट की बहुत बड़ी समस्या है उन्होंने वन विभाग को इसका जिम्मेदार ठेहराया है और उत्तराखंड सरकार से अनुरोध किया है कि वे इस पर्यटक स्थल पर भी ध्यान दे और इन समस्याओं का निराकरण करने का कष्ट करें। वहीं वन विभाग ऊखीमठ के रेंजर प्रदीप गौड़ ने बताया कि उनके द्वारा वहीं इस स्थल पर वही कार्य किया जा रहा है जो पहले से होते आ रहा है उन्होंने कहा कि उनके द्वारा सरकार से सुलभ शौचालय व पानी और रास्ते पर मरोम्मद के कार्य करने के लिए मांग की गई है जब उनका बजट पास होगा तो व इस स्थल पर कार्य शुरू करेंगे अभी उनके पास कुछ बजट नहीं है। अंत में पूरी भागडोर सरकार के हाथों में जाती है कि वे कब इस पर्यटक स्थल पर नजर लगाते हैं जबकि दोनों पक्षों ने सरकार से मांग की अपील की है।