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सभी की जुबानी पर एक ही नाम समाजसेवी व भारतीय जनता पार्टी के सक्रिय कार्यकर्ता कुलदीप सिंह रावत ने केदारनाथ धाम में फंसे तीर्थयात्रियों से मुलाकात कर उन्हें भोजन पानी की व्यवस्था की पढिए पूरी खबर।

हिमालय की आवाज से खोजी संवाददाता-हरीश चन्द्र देव भूमि ऊखीमठ से

सभी की जुबानी पर एक ही नाम समाजसेवी व भारतीय जनता पार्टी के सक्रिय कार्यकर्ता कुलदीप सिंह रावत ने केदारनाथ धाम में फंसे तीर्थयात्रियों से मुलाकात कर उन्हें भोजन पानी की व्यवस्था की पढिए पूरी खबर। 

हिमालय की आवाज से खोजी संवाददाता-हरीश चन्द्र देव भूमि ऊखीमठ से

खबर है केदारघाटी से आपको बता दें कि बुधवार को बीते रात को केदारनाथ धाम में आई तेज बारिश के कारण पूरी केदारघाटी में में हलचल मच गई है जिसको देखते हुए लाखों तीर्थयात्री व स्थानीय मजदूर केदारनाथ धाम के अलग अलग जगहों पर फंसे हुए हैं बता दें कि कुछ तीर्थ यात्री सोनप्रयाग व गौरीकुंड में भी पर

अभी तक फंसे हुए हैं वहीं युवाओं के चहेते समाजसेवी व भारतीय जनता पार्टी के सक्रिय कार्यकर्ता कुलदीप सिंह रावत ने शुक्रवार को केदारनाथ धाम के मुख्य पड़ाव सोनप्रयाग से गौरीकुंड का भ्रमण किया और इस दौरान उन्होंने केदारनाथ धाम में फंसे तीर्थयात्रियों से मुलाकात कर उनके मुसीबत समय में साथ दिया और सभी फंसे हुए तीर्थयात्रियों को भोजन पानी की व्यवस्था की गई विशेष बात तो यह है कि कुलदीप सिंह रावत ने अपने हाथों से केदारनाथ धाम में फंसे तीर्थयात्रियों को भोजन खिलाया और उनके बुरे समय में सभी का साथ दिया इस दौरान उनके साथ युवा भाईयों का रहा साथ ही सभी तीर्थयात्रियों की दुवाएं उन्हें दी गई इस दौरान उनके साथ समाजसेवी सौरभ विराट भट्ट, तमाम युवाओं का रहा बता दें कि समाजसेवी कुलदीप सिंह रावत ने इन्हीं दुवाएं के साथ केदारनाथ विधान सभा सीट पर उप चुनाव मे अपनी मजबूत प्रत्याशी के रुप में दावेदारी पेश की अगर केदारनाथ विधानसभा सीट की बात करें तो कुलदीप रावत इस सीट पर एक मजबूत दावेदार है। उन्होंने 2017 विधान सभा चुनाव मे निर्दलीय प्रत्याशी के रुप में चुनाव लड़ा था ओर भाजपा कांग्रेस को कड़ी सी टक्कर दी थी और पांच सौ के कम अंतर से चुनाव हार गए। लेकिन 2017 के चुनाव मे वह दूसरे नंबर पर रहे जबकि भाजपा प्रत्याक्षी तीसरे स्थान पर रहा वहीं

2022 मे हुए चुनाव मे भी केदारनाथ की जनता ने कुलदीप रावत को भरपूर समर्थन दिया भले ही वह चुनाव हार गए लेकिन भाजपा कांग्रेस को एक निर्दलीय दावेदार ने कड़ी टककर दी ।

दूसरे स्थान पर रहे.हालांकि अब कुलदीप भाजपा पार्टी के सक्रिय सदस्य है। एक बार फिर इस सीट पर उप चुनाव होना है अगर भाजपा ने उन पर दाव खेला तो वह इस सीट पर एक टक्कर वार प्रत्याशी होंगे।

 

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कुलदीप सिंह रावत का संघर्ष भरा अतीत,देखे गरीबी के दिन

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कुलदीप रावत ने संघर्ष के दिनों में गरीबी को बहुत करीब से देखा है । आज अगर वो गरीब असहाय निर्धनों का सहारा बन रहे हैं इसके पीछे की वजह है उनका संघर्ष भरा अतीत। अक्सर दौलत और शौहरत पाने बाद इंसान अपना अतीत भूल जाता है वो और अधिक दौलत कमाना चाहता है पर कुलदीप रावत ऐसे नहीं है वो अपनी कमाई का एक हिस्सा हमेशा गरीब असहाय निर्धनों की मदद के साथ अन्य समाजसेवा के कार्यों में खर्च करते हैं। कुलदीप रावत ने संघर्ष के दिनों में गरीबी को बहुत करीब से देखा है।

 

कुलदीप सिंह रावत ने शून्य से शिखर तक का सफर

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हालात लाख बुरे हों पर जीवन में कुछ अलग करने का जुनून और जिद्द कामयाब बनाती है। शुरुआत हमेशा छोटी होती है मेहनत और ईमानदारी से कोई काम किया जाए तो एक दिन सफलता जरूर मिलती है। ऐसी ही कहानी है शून्य से शिखर तक पहुंचने वाले उत्तराखण्ड के सुप्रसिद्ध समाजसेवी कुलदीप रावत की। कुलदीप रावत मात्र 15 साल के थे उनके सिर से पिता का साया उठ गया। लोग रोजगार की ढूंढ में शहरों की तरफ भागते हैं लेकिन उन्होंने 1997 में रोजगार की तलाश में रुद्रप्रयाग आने का निश्चय किया। उन्होंने सोच लिया था यदि काम नहीं मिलता है केदारनाथ यात्रा में खच्चर चलाऊंगा। कुलदीप रावत कहते हैं कि संघर्ष के शुरुआती दिनों में केदारघाटी के लोगों ने मेरा बहुत साथ दिया।

 

उन्होंने सौ से अधिक गरीब कन्याओं की करवाई शादी

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मार्शल आर्ट के नेशनल प्लेयर होने के कारण उन्हें जाखधार नवोदय विद्यालय में मार्शल आर्ट ट्रेनर का काम मिल गया। यहीं से उन्होंने 2007 में अपना प्रॉपर्टी व्यवसाय की शुरूआत की,जो आज पूरे उत्तराखंड में दीक्षा प्रॉपर्टी के नाम से फैमस है। आज कुलदीप रावत बिना किसी सरकारी सहयोग के अपने संसाधनों से हजारों जरूरतमंदों को मदद कर चुके हैं जिसमें गरीब बच्चों को पढाई के स्कॉलरशिप, सौ से अधिक निर्धन कन्याओं की शादियों में आर्थिक मदद,अनाथ बच्चों को गोद लेना, बेसहारा परिवार और विकलांगों जनों को आर्थिक भत्ता, स्कूलों में मदद, मरीजों के इलाज में आर्थिक मदद,महिला युवा मंगल दल को आर्थिक मदद,सामाजिक सांस्कृतिक कार्यक्रमों में आर्थिक मदद शामिल हैं।

 

पहली लहर में भी दिल खोलकर की मदद

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कुलदीप रावत जी ने कोरोना काल में भी दिल खोलकर लोगों की मदद की है। कोरोना की पहली लहर में प्रवासी भाई-बंधुओं को आर्थिक मदद के अलावा कुलदीप रावत जी खुद गावों में खाद्य सामग्री लेकर पहुंचे थे। कोरोना की इस दूसरी लहर में आने की परमिशन ना होने बावजूद भी उनकी टीम ने जरूरतमंदों तक जी जान से लोगों तक खाद्य सामग्री पहुंचाई हैं।

 

पच्चीस सौ लोगो को आर्थिक मदद

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कुलदीप रावत कहते है वैसे तो लगातार आर्थिक मदद करता आ रहा हूं। लेकिन कोरोना काल मे ही पच्चीस सौ से भी अधिक लोगो को आर्थिक मदद भी हमारे द्वारा की गई है।कोशिश रहती है कि जितना भी हो सके जरूरत मंद के साथ खड़े होने का प्रयास करता हूँ।

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