पिछले 36 वर्षों से मद्महेश्वर घाटी में घरेलू वेद पारम्परिक स्वास्थ्य चिकित्सा की अनूठी मिशाल पेश कर रही है गंगा देवी, पढिए पूरी खबर
पिछले 36 वर्षों से मद्महेश्वर घाटी में घरेलू वेद पारम्परिक स्वास्थ्य चिकित्सा की अनूठी मिशाल पेश कर रही है गंगा देवी, पढिए पूरी खबर
मद्महेश्वर घाटी से खोजी संवाददाता- हरीश चंद्र ऊखीमठ
खबर है रुद्रप्रयाग जिले व मद्महेश्वर घाटी से आपको बता दें कि गढ़वाल की पुरानी घरेलू वेद स्वास्थ्य चिकित्सा की ईलाज करने की परम्परा आज भी पहाडो में जीवित हैं वता दे कि ग्राम पंचायत राऊलैक की मूल निवासी श्रीमती गंगा देवी द्वारा विगत 36 वर्षो से घरेलू वेद पारम्परिक स्वास्थ चिकित्सा का ईलाज निशुल्क रूप से मद्महेश्वर घाटी में किया जा रहा है जो कि एक अनूठी मिशाल घाटी में पेश की जा रही है ।
मद्महेश्वर घाटी के सामाजिक कार्यकर्ता शिव सिंह नेगी ने बताया कि विगत 36 वर्षो से गंगा देवी द्वारा मद्महेश्वर घाटी में घरेलू वेद स्वास्थ्य चिकित्सा का कार्य किया जा रहा है जिसमें हाथो की जड़ों में दबी नस की बीमारी व गठिया जैसी बीमारी का घरेलू ईलाज निशुल्क रूप घरेलू वेद गंगा देवी द्वारा करवाया जा रहा है। शिव सिंह नेगी ने कहा कि गंगा देवी ने 1988 में अपने पिता से वेद घरेलू स्वास्थ्य चिकित्सा बीमारियों के बारे में सीखा था और तब से अब तक व इन बीमारियों का ईलाज करते चली आ रही है, नेगी ने बताया कि मद्महेश्वर घाटी में हाथो की जोड़ों पर दर्द होना या गठिया की बीमारी के मरीज दूर दूर गांव से गंगा देवी के पास अपना ईलाज कराने आते हैं, जिसका तुरंत ईलाज किया जाता है। जिसका असर एक या दो दिन में पड़ जाता है। समाजसेवी शिव सिंह नेगी ने कहा कि जिस प्रकार से घरेलू वेद स्वास्थ्य चिकित्सा गंगा देवी द्वारा वेद का कार्य किया जा रहा है व बहुत सराहनीय कदम है उन्होंने कहा कि अभी तक सरकार की और से कोई भी सहायता वेद गंगा देवी को नहीं मिली है बताया कि जबकि घरेलू वेद का कार्य में कई हजारों मरीजों के हाथ की जोड़ों व गठिया बीमारी का ईलाज गंगा देवी द्वारा कर लिया गया है और व सही रूप से स्वस्थ हो गये हैं सामाजिक कार्यकर्ता शिव सिंह नेगी ने घरेलू घरेलू वेद स्वास्थ्य चिकित्सा गंगा देवी के कार्य को देखते हुए सरकार से मांग की है सरकार अपने स्तर से घरेलू वेद गंगा देवी की सहायता या मदद करने की कृपा करें। कहा कि जिससे आगे भी घरेलू वेद स्वास्थ्य चिकित्सा की परम्परा जीवित रह सके। वहीं घरेलू स्वास्थ्य चिकित्सा वेद गंगा देवी से हिमालय की आवाज के संवाददाता से चर्चा हुई जिसमें घरेलू स्वास्थ्य चिकित्सा वेद गंगा देवी ने कहा कि
विकास खंड ऊखीमठ के अन्तर्गत पड़ने वाले दूरस्थ गांव राऊलैक, उनियाणा, गौडार, रासी बुरुवा आदि गांव आते हैं जिसमें अभी तक अगर किसी व्यक्ति की अचानक तबियत ख़राब हो गई तो उसके लिए मेडिकल की कोई सुविधा उपलब्ध नहीं है उन्होंने कहा कि आजकल कई प्रकार की बीमारी सामने आ रही है जिसमें हाथो की जड़ों की नश में दर्द होना या गठिया जैसी बीमारी होने से क्षेत्र के लोगों बहुत परेशान हैं, गंगा देवी ने कहा कि अगर किसी व्यक्ति को हाथो की जड़ों की नशों में दर्द होता है या गठिया जैसी बीमारी होती है तो व व्यक्ति उनके पास चले जाते हैं जिसका ईलाज घरेलू स्वास्थ्य चिकित्सा वेद गंगा देवी द्वारा किया जाता है। अंत में घरेलू वेद स्वास्थ्य चिकित्सा गंगा देवी ने भी सरकार से गुहार लगाई है कि सरकार उन्हें अपने स्तर से कोई सहायता करे जिससे व आने वाले दिनों में इस घरेलू स्वास्थ्य चिकित्सा वेद की परम्परा को आगे भी जीवन रख सके और इस तरह के बीमारी मरीजों का अच्छा सा ईलाज कर सके।