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केदारनाथ धाम तक इस वैकल्पिक मार्ग से आसानी से पहुंचा जा सकता है वैकल्पिक पैदल मार्ग पर चार युवाओं ने किया सर्वे‌ पढिए पूरी खबर।

हिमालय की आवाज से खोजी संवाददाता-हरीश चन्द्र देव भूमि ऊखीमठ से।

केदारनाथ धाम तक इस वैकल्पिक मार्ग से आसानी से पहुंचा जा सकता है वैकल्पिक पैदल मार्ग पर चार युवाओं ने किया सर्वे‌ पढिए पूरी खबर।

हिमालय की आवाज से खोजी संवाददाता-हरीश चन्द्र देव भूमि ऊखीमठ से।

खबर है रुद्रप्रयाग जिले व ब्लाक से आपको बता दें कि केदारनाथ धाम जाने के लिए त्रियुगीनारायण – गरूडचट्टी से होकर केदारनाथ धाम आसानी से पहुंचा जा सकता है बता दें कि केदारनाथ तक सुलभ और सुरक्षित पहुंचने के लिए अब त्रियुगीनारायण के युवाओं ने अपनी कमर कस ली है बता दें कि त्रियुगीनारायण के चार युवाओं ने वैकल्पिक पैदल मार्ग केदारनाथ गरुड़चट्टी – त्रियुगीनारायण के सर्वे के लिए निकल पड़े हैं बता दें कि बिते बुधवार को त्रियुगीनारायण गांव के चार युवाओं ने केदारनाथ से इस मार्ग की वर्तमान स्थिति जाने के लिए धाम की और रवाना हुए हैं साथ ही उन्होंने पूरे रास्ते को भौतिक स्थिति के बारे में तहसील और जिला प्रशासन को भी रिपोर्ट दी जाएगी बता दें कि बीते 31 जुलाई को आई आपदा से गौरीकुंड केदारनाथ पैदल मार्ग पर पूरी तरह से टूट गया था साथ ही मार्ग पर हजारों यात्री व स्थानीय लोग विभिन्न पड़ावों पर फंसे थे ऐसी हालत में सैकड़ों यात्री और स्थानीय लोग रामबाड़ा से लिनचोली काम बुग्याल चौमासी के रास्ते चौमासी गांव तक पहुंचे थे वहीं उत्तराखंड सरकार के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के निर्देश पर जिला प्रशासन ने बीते 9 व 10 जुलाई को इस मार्ग का पांच सदस्यीय दल से संयुक्त सर्वेक्षण भी कराया था बता दें कि दल ने भी इस रास्ते को भूस्खलन की दृष्टि से पूरी तरह से सुरक्षित बताया गया है ऐसे में अब त्रियुगीनारायण के ग्रामीणो ने भी त्रियुगीनारायण गरूडचट्टी से केदारनाथ धाम तक पहुंचने वाला वैकल्पिक पैदल मार्ग पर यात्रा संचालन की संभावनाओ को लेकर स्वयं जायजा लेने का निर्णय लिया है वहीं शुक्रवार को तोषी निवासी गीताराम सेमवाल के साथ त्रियुगीनारायण के पूर्णानंद भट्ट कामाक्षी भट्ट और मुकेश भट्ट ने केदारनाथ से त्रियुगीनारायण के लिए रवाना हुए यह चारो युवा मंदाकिनी नदी को पार करने के बाद गरुड़चट्टी पहुंचे और वहां से फिर ऊपरी पहाड़ी से होते हुए बुग्यालों के रास्ते बरसाती नाली को पार करके देर शाम तक तोषी गांव के सामने पहुंच गए थे बता दें कि दल में शामिल गीताराम सेमवाल ने बताया कि यह मार्ग लगभग 15 किमी लंबा है और प्रकृति ने यहां खूब नेमतें बख्शी है उन्होंने कहा कि रास्ते पर पेयजल के साथ ही विश्राम के लिए उचित स्थान है साथ ही यहां से हिमालय की पर्वत श्रृंखलाओं के साक्षात दर्शन भी होते हैं बताया कि रास्ते की हालत काफी खराब है वन विभाग द्वारा पूर्व में जो कार्य किया गया था वह देखरेख के अभाव में खस्ताहाल हो चुका है वहीं ग्रामीणो व गीताराम सेमवाल ने उत्तराखंड सरकार व शाशन प्रशासन से एक मांग की यदि त्रियुगीनारायण तोषी के रास्ते की सर्वे की जाए तो यह रास्ता लगभग 18 या 20 किलोमीटर रास्ता है आगर इस 18 या 20 किलोमीटर को मोटर मार्ग से जोड़ा जाएगा तो आसानी से केदारनाथ धाम लाखों श्रद्धालु पहुंच जाएंगे‌।

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