केदारनाथ धाम के यात्रा का मुख्य पड़ाव गौरीकुंड में आये हुई श्रद्धालु दुजी भाजी अपने ही ग्रुप में से खो गई थी जिसको पुलिस कांस्टेबल रमेश चंद्र भट्ट व होमगार्ड गंगा ने धाम में आई श्रद्धालु को उनके परिजनो से मिलाया। पढिए पूरी खबर
केदारनाथ धाम के यात्रा का मुख्य पड़ाव गौरीकुंड में आये हुई श्रद्धालु दुजी भाजी अपने ही ग्रुप में से खो गई थी जिसको पुलिस कांस्टेबल रमेश चंद्र भट्ट व होमगार्ड गंगा ने धाम में आई श्रद्धालु को उनके परिजनो से मिलाया। पढिए पूरी खबर
हिमालय की आवाज से खोजी संवाददाता-हरीश चन्द्र देव भूमि उत्तराखंड।
खबर है रुद्रप्रयाग जिले व केदारनाथ धाम से आपको बता दें कि एक तरफ केदारनाथ धाम में पुलिस प्रशासन द्वारा बहुत ईमानदारी से अपनी सेवाएं दी जा रही है वहीं शुक्रवार को केदारनाथ धाम के यात्रा का मुख्य पड़ाव गौरीकुंड में जिला अनुपपुर एमपी से केदारनाथ धाम में यात्रा करने आये हुए एक ग्रुप की महिला श्रद्धालु जिसका नाम दुजी भाजी था वह केदारनाथ धाम के यात्रा का मुख्य पड़ाव गौरीकुंड में अपने ग्रुप से खो गई थी और उनके खोने पर उनके जो ग्रुप के परिजन थे वह बहुत ही परेशान हो गई थे साथ ही लापता हुई महिला दुजीभाजी श्रद्धालु गौरीकुंड यात्रा पड़ाव से धोड़े पडाव के साथ तमाम पड़ाव तक भटकती रही और साथ में चिलाती रही कि मुझे मेरे ग्रुप से मिला दो विशेष जानकारी के अनुसार लापता श्रद्धालु दुजी भाजी अपने होथों में कुछ चांदी के सिक्के को लेकर मुख्य पड़ाव में भटकती हुई चिला रही थी कि इन चांदी के सिक्को को बेच कर मुझे मेरे घर भेज दो लेकिन कुछ व्यक्तियों को उनकी भाषा समझ में नहीं आई जिससे व और परेशान नजर आईं लेकिन अंत में बता दें कि उत्तराखंड पुलिस के कांस्टेबल रमेश चंद्र भट्ट व होमगार्ड की जवान गंगा को महिला श्रद्धालु भटकती और चिलाती हुई दिखी तो उन्होंने जैसा तैसा करके तुरंत उनके ग्रुप के परिजनो को मोबाइल फोन करके उन्हें उनके परिजनो से मिलाकर सुरक्षित रुप उन्हें वापस करा दिया। इस खबर से यह जानकारी और सीख मिलती है कि जब भी हम किसी भी देश व विदेश में या धामो में यात्रा करने के लिए जाते हैं तो हमें उन धामो में अपनी मातृ भाषा हिन्दी भाषा का जरूर वहां पर प्रयोग करना चाहिए जिससे हमें यात्रा करने में आसानी हो सके। और फिर ऐसा खो जाने का डर भी पैदा नहीं होगा।