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केदारनाथ धाम के मुख्य पड़ाव गौरीकुंड में घोड़े खच्चरों की संख्या कम होने से देश विदेश के श्रद्धालुओं को हो रही है भारी दिक्कत। देखिए पूरी खबर

जिला अधिकारी महोदय रुद्रप्रयाग का 2024 की यात्रा पर नया अविष्कार , यात्रियों की आस्था पर पहुंचाने जा रहे हैं ठेस

केदारनाथ धाम के मुख्य पड़ाव गौरीकुंड में घोड़े खच्चरों की संख्या कम होने से देश विदेश के श्रद्धालुओं को हो रही है भारी दिक्कत। देखिए पूरी खबर

हिमालय की आवाज से खोजी संवाददाता-हरीश चन्द्र देव भूमि उत्तराखंड से

खबर है केदारनाथ धाम यात्रा मार्ग से आपको बता दें कि केदारनाथ धाम के यात्रा मुख्य पड़ाव गौरीकुंड के प्रथम गेट से मंगलवार को सुबह घोड़े खच्चरो की कमी देखते हुए सभी यात्रियों को बड़ी हैरानी हुई है! बता दें कि मंगलवार को 2 बजे के समय यानी कि दोपहर में बड़े उत्साह के साथ अपने परम आराध्य आशुतोष भगवान शिव शंकर ( बाबा केदारनाथ )के दर्शन करने को जा रहे थे अचानक जब उनको पता लगा की प्रीपेड काउंटर से पर्ची नहीं कट रही हैं! उसमें वरिष्ठ बुजुर्ग और बच्चे बड़े लाचार दिखे कारण जिला प्रशासन रुद्रप्रयाग जिलाधिकारी महोदय की गाइडलाइंस घोड़े खच्चर को लेकर थी वह 4000 की सीमित संख्या में रखी गई थी, यात्रियों की संख्या आजकल काफी बड़ी मात्रा में बढ़ चुकी है! क्योंकि चार धामों के लिए अध्याय भूमि उत्तराखंड के लिए तीर्थ स्थलों के लिए बड़े शुभ संकेत है! इससे क्षेत्र की आजीविका और तमाम व्यवसाय वर्ग सभी का उद्धार होगा साथ ही घाटी के तमाम छोटे व्यवसायिक नींबू,पानी टफरी ढाबे छोटे-मोटे होटल सभी का व्यवसाय बड़ा है! सोचने वाला विषय यह बना हुआ है कि यात्रा की शुरुआत की कुछ ही दिन हुई है! इस प्रकार की बंदिश क्यों, पहले सत्र की यात्रा के दौरान शाम के टाइम समय समयानुसार यात्रा को रोक दी जाती थी , इस समय ऐसी कोई गाइडलाइंस ऐसी नहीं हैं! साथ ही पैदल यात्रा चलवाई जा रही है! उसमें भी कंडी और डोली पर कोई पाबंदी नहीं है! घोड़े खच्चर पर ही क्यू पाबंदी लगा दी गई इस पर बिचार करने वाला सवाल बन चुका है! घोड़े खच्चरो को चलाने से क्यों रोका जा रहा है! जबकि कई श्रद्धालु स्वास्थ्य और शरीर के हिसाब से अपनी सुविधा अनुसार भी घोड़े खच्चरो से चलना ही पसंद करते हैं! और उसकी बड़ी ताकत में यात्री प्रीपेड काउंटर पर आकर डिमांड कर रहा है! आज ठीक 2:30 के दौरान केदारनाथ यात्रा का मुख्य पड़ाव गौरीकुंड के बड़े गेट के सम्मुख यात्री और घोड़े खच्चर वालों में अफरा तफरी माहौल देखा गया हैं! प्रशासन की गाइडलाइंस के अनुसार, क्या कमी है 4 हजार सवारी 1 हजार माल के लिए ही नियुक्त और चिन्हित किए गए थे, बाद में ट्रेड यूनियन के आपत्ति के बाद 8000 की संख्या बनाई गई थी सवारी और यात्रा मार्ग में आवश्यक सामग्री पहुंचने के लिए

जिला प्रशासन रुद्रप्रयाग को तीर्थ पर आए हुए सभी श्रद्धालुओं का सामान करना चाहिए यात्रियों की संख्या को देखकर कुछ बेहतरीन और कारगर यात्रा व्यवस्था पर कार्य करना महत्वपूर्ण होगा जिससे आए हुए श्रद्धालुओं का मनोबल बना रहे और वह अपने परम आराध्य बाबा केदारनाथ जी के दर्शन कर पाए , देवभूमि उत्तराखंड केदारनाथ धाम से आने वाले श्रद्धालुओं में बढ़िया संदेश जाए जिससे 6 महीने की यात्रा उत्सवर्धन बना रहे वहीं ट्रेंट यूनियन के संस्थापक अवतार सिंह नेगी का कहना है कि जिस प्रकार से केदारनाथ धाम के लिए लगभग 8 हजार घोड़े खच्चरो का पंजीकरण हो रखा है उन सभी पंजीकृत घोड़े खच्चरो को यात्रा सीजन में खुलना चाहिए जिससे केदारनाथ धाम में आने वाले देश विदेश के श्रद्धालुओं को अच्छी सुविधा मिल सके उन्होंने इस संदेश को जिला प्रशासन को दिया और जिलाधिकारी जी से अनुरोध किया कि वह इस समस्या का जल्द से जल्द समाधान करे।

 

 

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