केदारघाटी के 20 वर्षों के बाद जय मां राजराजेश्वरी तालतोली देवी 72 गांवों का भ्रमण करके 28 अगस्त को होगी कैलाश के लिए रवाना। अध्यक्ष कलम सिंह राणा ग्यारह गाँव माँ राजराजेश्वरी मंदिर समिति तालतोली। पढिए पूरी खबर।
हिमालय की आवाज से खोजी संवाददाता-हरीश चन्द्र देव भूमि ऊखीमठ से।
केदारघाटी के 20 वर्षों के बाद जय मां राजराजेश्वरी तालतोली देवी 72 गांवों का भ्रमण करके 28 अगस्त को होगी कैलाश के लिए रवाना। अध्यक्ष कलम सिंह राणा ग्यारह गाँव माँ राजराजेश्वरी मंदिर समिति तालतोली। पढिए पूरी खबर।
हिमालय की आवाज से खोजी संवाददाता-हरीश चन्द्र देव भूमि ऊखीमठ से।
खबर है रुद्रप्रयाग जिले व ऊखीमठ ब्लॉक से आपको बता दें कि रुद्रप्रयाग जनपद के केदार घाटी की सुप्रसिद्ध देवी अखिल ब्रह्माण्ड नायिका जगत जननी ग्यारह गाँवों की ईष्ट देवी माँ राजराजेश्वरी तालतोली की 20 वर्षों के पश्चात इस वर्ष श्री केदारनाथ देवरा यात्रा को 28 अगस्त को रवाना होगी वहीं। अध्यक्ष कलम सिंह राणा ने बताया कि जय मां राजराजेश्वरी
तालतोली देवी की केदारनाथ देवरा यात्रा 72 गांवों के भ्रमण के बाद तदनुसार 13 प्रविष्ट भाद्रपद मास बुधवार को शुभ मुहूर्त सुनिश्चित कर दिया गया है। कहा कि इस देवरा यात्रा के दौरान माता राजराजेश्वरी तालतोली अपने पौराणिक परम्परागत केदार घाटी के लगभग छोटे बड़े 72 गाँवों का भ्रमण लगभग 40 दिन की यात्रा में करेगी। सबसे पहले माँ राजराजेश्वरी 28 अगस्त 2024 को अपने मुख्य स्थान मंदिर तालतोली से श्रृंगार डोली जो कि अलोकिक शक्ति के रूप में निकलकर अपने पौराणिक परम्परागत गाँव चौण्डी जायेगी। तत पश्चात माँ राजराजेश्वरी सबसे पहले अपने सम्मलित ग्यारह गूठ गाँवों का भ्रमण करेगी जिसमें सर्व प्रथम चौण्डी, तुलंगा, खेड़ा, भिनोली, सल्या, ल्वाणी, देवांगण, अन्द्रवाड़ी, नमोली, ल्वारा,जमलोक, आदि इन अपने ग्यारह गूठ गाँवों के भ्रमण के पश्चात माँ राजराजेश्वरी श्री केदारनाथ तीर्थ पुरोहितों के गाँव में प्रवेश कर नंदखोला,सिंगोली , फहली, फसालत, फलाण, लमगौण्डी, होते हुये माँ राजराजेश्वरी अपने केदारनाथ तीर्थ पुरोहित के गाँव भणिग्राम पहुचेगी तत पश्चात, देवली, ढामस, घगोरा, मानपुर, पिठौरा, होते हुये अपनी छोटी वहिन से भेंट लगाने जायेगी कुमराॅंई, क्वारिका माता, तत पश्चात माँ राजराजेश्वरी अपनी बहिन दुर्गा माता के गूठ गाँवों में प्रवेश करेगी जिसमे मौठ, तिनसोली, सांग, नाग, जगई, पौल्ला, सुबदणी, कुनालिया, फेगू बरम्वाड़ी, होते हुये सेमी, भैसारी, गुप्तकाशी, सांकरी, देवर, धारकुड़ा रूद्रपुर कुठेड़ा, देवसाल, जाखधार, बणसू, त्यूड़ी, खुमेरा, यूँग होते हुये महिषासुर मर्दनी, मैखण्डा, खड़िया, खाट, धानी, व अपनी बहिन से भेंट लगाने नंदतोली तत पश्चात रविगांव धारगाॅंव फाटा, जामू, बडा़सू, न्यालसू, रामपुर, सीतापुर त्रियुगीनारायण, सोनप्रयाग, मुनकटिया गौरीकुण्ड होते हुये हुये माता राजराजेश्वरी पहुँचेगी अपने आराध्य देव, देवों के देव महादेव भगवान श्री केदारनाथ के दर्शन मिलन, जो कि अपने आप में एक अलौकिक, ऐतिहासिक मिलन होगा जिसके साक्षी बनेगें कैलाश की सभी देवत्माये एवं सभी भक्तजन। तत पश्चात अपने तीर्थ पुरोहित से पिण्ड तर्पण करवाने के बाद माता राजराजेश्वरी जायेगी स्वर्गद्वारी केदार घाटी के रक्षक भुकंन्ड भैरव में पूजार्चन के पश्चात केदारपुरी में भ्रमण कर अपने सभी भक्तजनों को आशीर्वाद प्रदान करते हुये अपने तीर्थ पुरोहितों से सुफल प्रसाद करवाने के पश्चात तब होगा माँ राजराजेश्वरी व भगवान भोले नाथ की जुदाई व विदाई का मार्मिक पल ओर धीरे धीरे माँ राजराजेश्वरी करेगी केदारनाथ धाम से वापसी रामपुर होते हुये नारायणकोटि नाला गुप्तकाशी। गुप्तकाशी से माँ राजराजेश्वरी जायेगी माता कालीमाई के भेंट लगाने कालीमठ तत पश्चात गुप्तकाशी जमलोक होते हुये ल्वाणी से तालतोली इस प्रकार से माँ राजराजेश्वरी की आज्ञा से सुनिश्चित है श्री केदारनाथ देवरा यात्रा। अपने स्थान तालतोली पहुँचकर हवन आदि के पश्चात माँ राजराजेश्वरी अपने स्थान तालतोली में विराजमान हो जायेगी। जिसमें माँ राजराजेश्वरी सभी को अपना आशीर्वाद प्रदान करें सभी लोगों के घरों में सुख शांति बनीं रहे।