इस स्थान पर भगवान भोलेनाथ ने मां काली का क्रोध शांत किया था क्या कह रहे कोटि माहेश्वरी रुछ महादेव मंदिर के पण्डित पुजारी सत्यानन्द भट्ट पढिए पूरी खबर।
हिमालय की आवाज बीएचपी न्यूज़ चैनल से खोजी-संवादाता-हरीश चंद्र देव भूमि ऊखीमठ से
इस स्थान पर भगवान भोलेनाथ ने मां काली का क्रोध शांत किया था क्या कह रहे कोटि माहेश्वरी रुछ महादेव मंदिर के पण्डित पुजारी सत्यानन्द भट्ट पढिए पूरी खबर।
हिमालय की आवाज बीएचपी न्यूज़ चैनल से खोजी-संवादाता-हरीश चंद्र देव भूमि ऊखीमठ से
खबर है रुद्रप्रयाग जिले के कोटमा क्षेत्र से आपको बता दें कि रूद्रप्रयाग जिले के हर हिस्से में भगवान शिव का वाश है बता दें कि कालीमठ से उत्तर भाग में 5 किलोमीटर की दूरी स्थान पर कोटि माहेश्वरी रूछ महादेव का मन्दिर स्थित है जहां पर देश विदेश के श्रद्धालु दर्शन करने जाते हैं बता दें कि खासकर श्रावण माह व श्राद्ध पक्ष में इस स्थान पर श्रद्धालुओं का तांता लगा रहता है वहीं मन्दिर के पुजारी सत्यानन्द भट्ट ने बताया कि कोटि माहेश्वरी रूछ महादेव मंदिर जो कि सभी पीठो में से उत्तम पीठ माना जाता है कहा कि इस कोटि माहेश्वरी रूछ महादेव मंदिर स्थान पर भगवान भोलेनाथ ने मां काली का क्रोध शांत किया था और यहां पर मां भगवती ने करोड़ों माया के रूप में अवतरित है इसीलिए इस स्थान का नाम कोटि माहेश्वरी रूछ महादेव रखा गया उन्होंने कहा कि केदार खण्ड स्कन्द पुराण के अनुसार जो भी व्यक्ति श्रध्दा भाव से पूजा पाठ जप करता है तो सन्देह उस व्यक्ति की मन इच्छा फल की प्राप्ति होती है बताया कि इस स्थान पर गया के जमान फल देने वाला श्रद्धालु जो भी इस स्थान पर अपने पितरों के निमित पिंड दान करता है तो उसके पितर प्रसन्न हो जाते हैं और व व्यक्ति पत ऋण से मुक्त हो जाते हैं पुजारी भट्ट ने कहा कि इस कोटि माहेश्वरी रूछ महादेव नामक स्थान पर नव ग्रह जाप करने से आरिण्ट ग्रह शांत होते हैं और किसी भी व्यक्ति के आक्त मृत्यु योग है तो महा मृत्युंजय जप का जप करने से ये योग समाप्त हो जाते हैं अंत में बताया कि अनादि काल से इस स्थान का बहुत अधिक महत्व है ओर यहां पर अनेक ऋषि मुनियों ने सिद्धी प्राप्त की है। इससे यह ज्ञान मिलता है कि इन पहाड़ी क्षेत्रों में या रूद्रप्रयाग जिले के हर एक गांव में भगवान शिव व देवी देवताओं का वास है कहते हैं कण कण में बसे हैं भगवान।