ग्राम सभा फहली पसालत में पसालत गांव के ग्रामवासियों ने धूमधाम से मनाया माता हरियाली त्यौहार साथ ही अपनी माता हरियाली धियाण को किया विदा। पढ़िए पूरी खबर
ग्राम सभा फहली पसालत में पसालत गांव के ग्रामवासियों ने धूमधाम से मनाया माता हरियाली त्यौहार साथ ही अपनी माता हरियाली धियाण को किया विदा। पढ़िए पूरी खबर
संवाददाता – हरीश चंद्र ऊखीमठ – खबर है रुद्रप्रयाग जिले से आपको बता दें कि ऊखीमठ ब्लॉक के ग्राम पंचायत फहली पसालत में पसालत गांव के ग्रामीणों ने शनिवार को हरियाली माता का त्यौहार बड़े धूमधाम से मनाया और फिर माता हरियाली धियाण को विदा किया जाता है वहीं उप प्रधान पण्डित जयंत सेमवाल ने बताया कि चैत्र मास की संक्रान्ति पर समस्त ग्रामवासियों द्वारा माता हरियाली को बोया जाता है। जिसके बाद समस्त ग्रामवासियों द्वारा माता हरियाली की 16 दिन तक पूजा अर्चना की जाती है और 16 दिनों बाद समस्त ग्रामवासियों द्वारा माता हरियाली को निकाला जाता है। कहा कि जब माता हरियाली को निकाला जाता है तो उस दिन समस्त ग्रामवासियों में बहुत उत्साह रहती है साथ ही गांव में इसे माता हरियाली त्यौहार के रूप में समस्त ग्रामवासियों द्वारा बड़े धूमधाम से मनाया जाता है। पण्डित सेमवाल ने कहा कि माता हरियाली त्यौहार पर समस्त ग्रामवासियों द्वारा माता हरियाली को धियाण माना जाता है और इसी त्यौहार के साथ समस्त ग्रामवासियों द्वारा माता हरियाली धियाण को प्राचीन बाउडी़ में विसर्जित किया जाता है। ग्राम प्रधान हरीश तिवारी ने बताया कि माता हरियाली त्यौहार गांव की सुख शांति के लिए मनाते हैं कहा कि माता हरियाली को समस्त ग्रामवासियों द्वारा अपनी धियाण का दर्जा दिया जाता है कहा कि जिस दिन माता हरियाली व हरियाली धियाण को प्राचीन बाउडी़ में विसर्जित किया या विदा किया जाता है उस दिन हर एक ग्रामवासियों में भावुक पल दिखाई देती है और माता हरियाली व धियाण को उस समय समस्त ग्रामवासियों द्वारा कहा जाता है कि माता हरियाली अगले साल जल्दी से जल्दी आना और समस्त ग्रामवासियों में खुशी व सुख शांति बनाए रखना। वहीं पण्डित सेमवाल ने कहा कि माता हरियाली त्यौहार के दिन समस्त ग्रामवासियों द्वारा पकोड़ी, गुलगुले, प्रसाद, जैसे भोजन का भोग लगा दिया जाता है फिर माता हरियाली त्यौहार में धियाण को विदा किया जाता है इस त्योहार में समस्त ग्रामवासियों का भरपूर सहयोग रहता है। इस मौके पर महिला मंगल दल, ग्रामवासियों माता हरियाली त्यौहार में मौजूद थे।