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*गौमाता को राष्ट्रमाता घोषित किए जाने व गोकशी बंद होने तक शंकराचार्य जी के मीडिया प्रभारी ने होली न मनाने का लिया संकल्प*

 

 

 

वाराणसी,24.3.24 गौ माता को राष्ट्रमाता घोषित किए जाने व गोकशी पर प्रतिबंध लगने तक परमाराध्य परमधर्माधीश ज्योतिष्पीठाधीश्वर जगदगुरु शंकराचार्य स्वामिश्री: अविमक्तेश्वरानंद: सरस्वती जी महाराज के मीडिया प्रभारी सजंय पाण्डेय ने होली न मनाने का लिया संकल्प।

 

उक्त जानकारी देते हुए पूज्यपाद शंकराचार्य जी महाराज के मीडिया प्रभारी सजंय पाण्डेय ने बताया कि सनातनधर्म की मूल गौमाता का इस गोविंद के भारत भूमि पर रक्त गिर रहा है।और सनातनधर्म के सर्वोच्च धर्मगुरु सचल शिव पूज्यपाद ज्योतिष्पीठाधीश्वर जगदगुरु शंकराचार्य जी महाराज गौमाता को राष्ट्रमाता घोषित कराने व गोकशी बंद कराने हेतु विगत दस दिनों से वृंदावन से दिल्ली तक पदयात्रा कर रहे हैं।पदयात्रा के दौरान उनके पावों में बड़े छाले उत्पन्न हो होकर फुट कर उनके पैरों में चिपक जा रहे हैं।बावजूद इसके पूज्यपाद शंकराचार्य जी महाराज अनवरत अपनी पदयात्रा जारी रखे हुए हैं।ऐसे में हम होली कैसे मना सकते हैं।इसलिए हम अपने घर के मन्दिर में देवी देवताओं के समक्ष गौमाता के राष्ट्रमाता घोषित होने व गोकशी बंद होने तक होली न मनाने का संकल्प ग्रहण किए हैं।

 

शंकराचार्य जी महाराज के मीडिया प्रभारी सजंय पाण्डेय ने कहा कि गौमाता में तैतीस कोटि देवी दवताओं के वास होने के कारण उन्हें सर्वदेवमयी कहा गया है।गौमाता के दर्शन पूजन से तैंतीस कोटि देवी देवताओं,समस्त तीर्थों व ऋषिगणों के दर्शन पूजन का फल प्राप्त होता है।धरती पर जब पाप बढ़ता है तो धरती गौमाता का स्वरूप धारण कर धरती को पाप मुक्त करने हेतु अनुग्रह करने ब्रम्हा जी के पास जाती हैं।तब गोविंद अवतार धारण कर गौ माता व साधुजनों की रक्षा करते हैं और धरती को पाप मुक्त करते हैं।मनुष्य हेतु गौ माता अत्यंत उपयोगी हैं।उनके दूध में माँ के दूध का समस्त गुण विद्यमान रहता है।आयुर्वेद में भी गौमाता का बहुत महत्वपूर्ण स्थान माना गया है।गौमाता के मूत्र से कैंसर सहित अनेक असाध्य रोगों की औषधि निर्मित होती है।समस्त वेद,पुराण व शास्त्र रामा देशी गौमाता का वर्णन करते नही अघाते हैं।सनातनधर्म में गौमाता का अनेकों प्रकार से महत्वपूर्ण स्थान है।अगर किसी भी जीव को विष दे दिया जाए तो विष उसके पूरे शरीर मे फैल जाता है।जबकि अगर गौमाता को विष दिया जाए तो उस विष को अपने थानों में नही उतरने देंती हैं।ताकि उनके दूध में उस विष का असर न पड़ने पाए।और उनका दूध पीने वाले को हानि न पहुचे।

 

इसलिए ही पूज्यपाद ज्योतिष्पीठाधीश्वर जी महाराज अनेकों कष्ट सहकर भी गौमाता को राष्ट्रमाता घोषित कराने व गोकशी बंद कराने हेतु कठिन तप कर रहे हैं।पूज्यपाद शंकराचार्य जी महाराज के इस अभियान में समस्त सनातनधर्मी प्रण व प्राण उनके साथ हैं।और हम भी गौमाता के राष्ट्रमाता घोषित होने व गोकशी बंद होने तक होली न मनाने का संकल्प लेते हैं।और अपने समस्त सनातनधर्मी परिवार के आदरणीय सदस्यों से हमें होली की मंगलकामना सम्प्रेषित न करने का आग्रह करते हैं।

 

प्रेषक

सजंय पाण्डेय

मीडिया प्रभारी

परमाराध्य परमधर्माधीश ज्योतिष्पीठाधीश्वर जगदगुरु शंकराचार्य जी महाराज।

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