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दाने दाने पर लिखा है खाने वाले का नाम सोनप्रयाग ओर गौरीकुंड के बीच मुनकट्या में फंसे स्थानीय मजदूरों व तीर्थयात्रियों को बी पी गोस्वामी द्वारा दिया जा रहा है सहारा खाने पीने व रहने की निशुल्क व्यवस्था देखिए खबर।

हिमालय की आवाज से खोजी संवाददाता-हरीश चन्द्र देव भूमि ऊखीमठ से

दाने दाने पर लिखा है खाने वाले का नाम सोनप्रयाग ओर गौरीकुंड के बीच मुनकट्या में फंसे स्थानीय मजदूरों व तीर्थयात्रियों को बी पी गोस्वामी द्वारा दिया जा रहा है सहारा खाने पीने व रहने की निशुल्क व्यवस्था देखिए खबर।

 

हिमालय की आवाज से खोजी संवाददाता-हरीश चन्द्र देव भूमि ऊखीमठ से

 

खबर है केदारनाथ धाम से आपको बता दें कि केदारनाथ धाम में जिस प्रकार से भारी बारिश ने हलचल मचाई थी उसको देखते हुए केदारनाथ धाम के रामबाड़ा, भीमबली व लिनचोली के बीच कुछ स्थानीय मजदूर फंसे हैं जिनके पास घोड़े खच्चर भी साथ में हैं और वह गौरीकुंड के पैदल रास्ता मुनकट्या हो कर अपने अपने घर आ रहे थे लेकिन सोनप्रयाग में टूटने से उन्हें आगे का रास्ता बंद मिला और व वहीं रुक गये जिसके बाद न ही उनके पास कुछ खाने को था और न रहने को बता दें कि कुछ मजदूरों के साथ छोटे छोटे बच्चे भी थे जो कि घूमने जा रखे हैं ओर व भी वही फंस गये विशेष बात तो यह है कि व अपने आप तो सीधे घर आ सकते थे लेकिन उनके पास उनके घोड़े खच्चर थे जिसके कारण व वही रूकने पर मजबूर हो गये ओर बहुत ही निराश होने लगे ऐसे में तभी गौरीकुंड व सोनप्रयाग के बीच मुनकट्या में फंसे स्थानीय मजदूरों को समाजसेवी बी पी गोस्वामी द्वारा खाने पीने व रहने की व्यवस्था की गई जिसको देखते हुए फंसे स्थानीय मजदूरों के चेहरे पर थोड़ा खुशी दिखाई दी और उन सभी मजदूरों ने रहात की सांस ली बी पी गोस्वामी के इस सराहनीय कार्य से फंसे स्थानीय मजदूरों की जान बची है क्योंकि उस जंगल में कोई भी इन मजदूरों के पास खाने पीने व रहने का साधन नहीं था। ओर सैकड़ों मजदूरों की जान जा सकती थी।

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