बाबा केदारनाथ की चल विग्रह उत्सव डोली को शीतकालीन पंच गद्दी स्थल ओंकारेश्वर मंदिर ऊखीमठ से केदारनाथ धाम को ले जाने व केदारनाथ धाम से बाबा की चल विग्रह उत्सव डोली अपने शीतकालीन पंच गद्दी स्थल ओंकारेश्वर मंदिर ऊखीमठ से आने में अभी भी पैदल मार्ग जुराणी से ब्यूंगगाड़ पुल तक करना पड़ता है भारी दिक्कतों का सामना। देखिए पूरी खबर।
PWD अधिकारी हुऐ लापता महत्वपूर्ण मीटिंग से
बाबा केदारनाथ की चल विग्रह उत्सव डोली को शीतकालीन पंच गद्दी स्थल ओंकारेश्वर मंदिर ऊखीमठ से केदारनाथ धाम को ले जाने व केदारनाथ धाम से बाबा की चल विग्रह उत्सव डोली अपने शीतकालीन पंच गद्दी स्थल ओंकारेश्वर मंदिर ऊखीमठ से आने में अभी भी पैदल मार्ग जुराणी से ब्यूंगगाड़ पुल तक करना पड़ता है भारी दिक्कतों का सामना। देखिए पूरी खबर।
हिमालय की आवाज से खोजी संवाददाता-हरीश चन्द्र देव भूमि उत्तराखंड से
खबर है रुद्रप्रयाग जिले व केदारनाथ धाम से आपको बता दें कि बाबा केदारनाथ की चल विग्रह उत्सव डोली 6 महीने अपने शीतकालीन पंच गद्दी स्थल ओंकारेश्वर मंदिर ऊखीमठ में विराजमान रहती है वहीं 6 महीने बाबा केदारनाथ की चल विग्रह उत्सव डोली अपने धाम केदारनाथ में विराजमान रहती है बता दें कि जब बाबा केदारनाथ की चल विग्रह उत्सव डोली को शीतकालीन पंच गद्दी स्थल ओंकारेश्वर मंदिर ऊखीमठ से विभिन्न पड़ावों को होते हुए केदारनाथ धाम के लिए रवाना होते हैं तो विगत कई वर्षों से पैदल मार्ग जुराणी से ब्यूंगगाड़ पुल तक बाबा की चल विग्रह उत्सव डोली को ले जाने में बहुत भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है यह पैदल मार्ग में अधिकतर फिसलन रहतीं हैं जबकि केदार सभा समिति द्वारा कई बार शाशन प्रशासन को सूचित किया गया है कि इस पैदल मार्ग को सही किया जाय केदार सभा के अध्यक्ष राजकुमार तिवारी जी के द्वारा यात्रा सीजन शुरू होने से पहले एक बैठक जो बैठक राजकीय इंटर कालेज गुप्तकाशी में की गई थी जिस बैठक की अध्यक्षता उप जिलाधिकारी ऊखीमठ के द्वारा किया गया था अध्यक्ष राजकुमार तिवारी ने इस पैदल मार्ग का जिक्र इस बैठक में भी किया गया था और बैठक में समस्त मजदूर संघ ट्रेट यूनियन, टैक्सी यूनियन व रूद्रप्रयाग के सभी कर्मचारी और जनप्रतिनिधि भी मौजूद थे लेकिन यात्रा शुरू होने पर भी इस पैदल मार्ग के हाल वही रहे जो पहले थे बाबा केदारनाथ की चल विग्रह उत्सव डोली 6 मई को शीतकालीन पंच गद्दी स्थल ओंकारेश्वर मंदिर ऊखीमठ से अपने केदारनाथ धाम के लिए रवाना हुई थी और विभिन्न स्थानों व पैदल मार्ग से होते हुए बाबा केदारनाथ की डोली केदारनाथ धाम पहुंची जबकि डोली प्रभारी धर्मेन्द्र तिवारी व सह डोली प्रभारी अभिरतन ने बताया कि बाबा केदारनाथ की चल विग्रह उत्सव डोली को हमेशा पैदल मार्ग से अपने धाम केदारनाथ ले जाते हैं जिसमें सैकड़ों श्रद्धालु बाबा केदारनाथ की चल विग्रह उत्सव डोली के साथ केदारनाथ धाम पैदल मार्ग होते हुए आते हैं उन्होंने कहा कि बाबा केदारनाथ की चल विग्रह उत्सव डोली को केदारनाथ धाम को ले जाने में विगत कई वर्षों से ऊखीमठ ब्लॉग के अन्तर्गत पड़ने वाला पैदल मार्ग जूराणी से ब्यूंगगाड़ पुल तक का रास्ता बहुत जर्जर स्थिति में बना हुआ है कहा कि जब बाबा केदारनाथ की चल विग्रह उत्सव डोली को केदारनाथ धाम में ले जाते हैं तो यह पैदल मार्ग में बहुत दिक्कतों का सामना करना पड़ता है उनके द्वारा बताया गया कि यह पैदल मार्ग मात्र आधा किलोमीटर का रास्ता है लेकिन इस पैदल मार्ग में बहुत ज्यादा फिसलन रहती है साथ ही यह रास्ता भी कच्चा होने से बाबा केदारनाथ की चल विग्रह उत्सव डोली को ले जाने में बहुत बड़ी दिक्कत आ जाती है उन्होंने एक बार फिर से शाशन प्रशासन व सरकार से इस पैदल मार्ग को सही करने के लिए मांग की है।