बाबा केदारनाथ धाम के यात्रा का मुख्य पड़ाव गौरीकुंड में पवित्र पावन गर्मकुंड के समीप नेपाली मुल्की आए मजदूर खुले आम व दिनदहाड़े कर रहे हैं मल मूत्र जिससे पवित्र धाम की पवित्रता को पहुंच रही है बहुत ठेश पढिए पूरी खबर।
बाबा केदारनाथ धाम के यात्रा का मुख्य पड़ाव गौरीकुंड में पवित्र पावन गर्मकुंड के समीप नेपाली मुल्की आए मजदूर खुले आम व दिनदहाड़े कर रहे हैं मल मूत्र जिससे पवित्र धाम की पवित्रता को पहुंच रही है बहुत ठेश पढिए पूरी खबर।
हिमालय की आवाज बीएचपी न्यूज़ चैनल से ॐ प्रकाश केदारखंडी
खबर है रुद्रप्रयाग जिले व केदारनाथ यात्रा काल से आपको बता दें कि केदारनाथ धाम में जिला प्रशासन रुद्रप्रयाग की तमाम व्यवस्था खोकली साबित हो रही है! ना ही धाम में पर्याप्त सुलभ शौचालय हैं वहीं यात्रा का मुख्य पडाव गौरीकुंड क्षेत्र में पानी से जूझ रहे लाखों श्रद्धालु दिखाई दे रहे हैं बता दें कि केदारनाथ धाम में यात्रा करने आ रहे लाखों श्रद्धालु एवं तमाम व्यावसायिक वर्ग को पानी और सुलभ शौचालय की बहुत बड़ी परेशानी हो रही है। विशेष बात तो यह है कि केदारनाथ धाम के होटलों व रेस्टोरेंट में भी ही पानी है और न ही घोड़े खच्चरो के पड़ाव मै पानी है जिससे केदारनाथ धाम में तमाम वर्ग के व्यवसाय कर रहे मजदूरों को भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है वहीं केदारनाथ धाम के मुख्य पड़ाव गौरीकुंड में कुछ भी पर्याप्त व्यवस्था उपलब्ध नहीं है जिसके कारण आए दिन घोड़े खच्चर बीमार हो रहे हैं साथ ही कई घोड़े खच्चर पेट दर्द के बीमारी के शिकार हो चुके हैं आपको बता दें कि जिस प्रकार से जिला प्रशासन ने यात्रा की व्यवस्थाओं का ध्यान दिया है वह काफी देरी से हुआ है जिसके कारण तमाम यात्रा मार्ग मै भी घोड़े खच्चरो के लिए मजदूरों के लिए पर्याप्त पानी पीने का भी नहीं है । बात करें केदारनाथ धाम की तो जिला प्रशासन रुद्रप्रयाग के द्वारा केदारनाथ धाम में या धाम के मुख्य पड़ाव गौरीकुंड में जिन प्रशासनिक अधिकारियों को सेवा के तौर पर रखा गया है व सेक्टर मजिस्ट्रेट ( सेक्टर अधिकारी ) केदारनाथ धाम में ड्यूटी के बजाय वसूली के कार्य में जुटे हैं बता दें कि चाहे दिन का समय हो या रात का उन्हें वसूली से मतलब है जिसमें गरीब व्यावसायिक वर्ग जैसे चाट वाला फल फ्रूट वाला नींबू पानी शिकंजी की दुकान वाला अन्य कई छोटा व्यवसायियों पर इन सभी अधिकारियों की मन मानिक तौर से पैसा वसूले जा रहे हैं। कभी सफाई के नाम पर जबकि जिला प्रशासन रुद्रप्रयाग पहले ही ₹6000 की धनराशि मुख्य विकास अधिकारी रुद्रप्रयाग के नाम ले चुका है!
अंत में अब पता यह लगाना है कि यह सारी धनराशि कहां और कौन से कोर्स में जमा हुई है इसका अभी तक शासन को कोई सज्ञान नहीं है! जबकि जिला प्रशासन द्वारा ₹6000 दुकानों का आवंटन में जो धनराशि ली गई है,! उसे देखकर तो यही लगता है कि कहीं ना कहीं बड़ा घोटाले की बू आ अब जिला प्रशासन की तरफ आने लगी है। बता दें कि सरकार व शाशन प्रशासन इस मुद्दे पर जल्द से जल्द कार्यवाही करे जिससे गरीब आदमी परेशान न हों