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आगामी केदारनाथ धाम यात्रा को लेकर जिला प्रशासन की व्यवस्थाओं का पहले रुझान सामने आ चुका है पशु स्वास्थ्य विभाग घोड़े खच्चर शिविर में देरी से आना जल्दी चले जाना अफसर बाबू की पुरानी आदत हो चुकी है :- पशु स्वास्थ्य विभाग के कर्मचारियों पर घोड़े की फिटनेस को लेकर लेनदेन का मामला सामने आया है :- फिलहाल सच्चाई क्या है यह जांच का विषय है :- विषय तो यह है कि अफसर बाबू की कार्यों जांच कौन कर रहा है

आगामी बाबा श्री केदारनाथ कपाट खुलने का दिन महाशिवरात्रि के पर्व पर हो चुका है!साथ ही जिला प्रशासन रुद्रप्रयाग केदारनाथ आने वाले श्रद्धालुओं की सेवा में मंगलमय यात्रा को लेकर तमाम व्यवस्थाओं में जुटा हुआ है! घोड़ा खच्चर संचालन को कर जिला रुद्रप्रयाग के पंचायती ग्राम क्षेत्र में घोड़े खच्चर के शिविर का आयोजन किया जा रहा है जिसमें जिला प्रशासन की शर्त यह है कि स्वस्थ मजबूत दूरस्थ और ऊंची कद काठी की वाले स्वस्थ घोड़े ही केदारनाथ यात्रा मार्ग पर दिखाई देंगे यह पहल बेहतरीन सराहनीय है !

इसी बीच शिविर कार्यक्रम को लेकर पशुपालन डॉक्टरों की मनमानी का मामला भी सामने आ रहा है! यह रुझान यह हैं की सरकारी बाबू शिविर मै देर आना और जल्दी चले जाना आदत से पहले ही मजबूर है! इनका कार्य यह है कि पशुओं की फिटनेस , ब्लड सेंपलिंग, टैगिंग , चिप के अन्य लाइसेंस की प्रक्रिया में इंश्योरेंस जैसे कही महत्वपूर्ण प्रक्रिया से घोड़े खच्चरो को गुजरना पड़ता है जो प्रशासन की व्यवस्था को लेकर उनकी स्वास्थता यात्रा पार्क में उनका कोई दिक्कत का सामना करना ना पड़े , पिछले वर्षों की भांति घोड़े खतरों में दिक्कत होने के बाद भी घोड़ा खच्चर स्वामी जबरन उनसे काम करवाने का मामला भी कई बार सोशल मीडिया न्यूज़पेपर के माध्यम से प्रकाशित हुआ है जो की घाटी के लिए एक सर्वसर करने वाला विषय बना है! पशु क्रूरता को लेकर जिला प्रशासन की यह बेहतरीन व्यवस्था है!

इसका सभी को पालन करना चाहिए, इस सत्र में माल ढुलाई का लिमिटेड भार का भी निर्धारण किया गया है बाकी प्रक्रिया पहले जैसी बनती आई है! इसी बीच शिवरो का जो आयोजन ग्राम क्षेत्र में किया जा रहा है इस पर पशु स्वास्थ्य विभाग की तरफ से लापरवाही का मामला भी सामने आए हैं जिसमें डॉक्टरों की तरफ से मनमानी हिसाब से घोड़े खच्चर को अनफिट बताया जाता है! बाद मै अनफिट घोड़े को फिट करने के लिए उनसे मोटी रकम वसूलने का मामला प्रकाशित हुआ है ( फिलहाल यह जांच का विषय है इसमें कितनी सच्चाई है)

 

इस पर लेनदेन के मामले में चंद्रपुरी में 15 साल से पशु डॉक्टर सत्येंद्र यादव एव टीम के कुछ पशु डॉक्टर के नाम सामने आ रहे हैं! क्षेत्रीय गरीब जनता मजबूरी का फायदा उठा रहे हैं आरोप लगाने वालो मै से पहले नाम पशुपतिनाथ ग्राम फेगू,( ₹20000 )प्रकाश कोटियाल, ( ₹3000)रघुवीर लाल, हिमानी देवी,( ₹4000) लेनदेन का मामला अमर उजाला दैनिक भास्कर अन्य पेपर में भी प्रकाशित हुआ है ! जनता के घोड़े खच्चर का इंश्योरेंस के मामले में भी इंश्योरेंस फॉर्म मे राशि दर्ज नहीं गई है!

एक जोड़े खच्चर पर ₹2200 लिया गया है ! पशु स्वास्थ्य डॉक्टर का मामला पहले भी केदारनाथ यात्रा मार्ग से आए हैं! जिसमें जिला पंचायत के द्वारा बुक ₹1000 वसूलने मात्र वाली पर्ची मै डॉ ने ₹2000 फालतू लिया है ! याने ₹3000 घोड़े खच्चर स्वामी से लिया है! जिला प्रशासन रुद्रप्रयाग ने उत्तराखंड शासन के आदेशानुसार यात्रा कल की व्यवस्था को दुरस्त बनाने के लिए जिनको रखा है! वह कहीं ना कहीं अपनी घर व्यवस्था को दुरुस्त कर रहे हैं! यह यात्रा का मुख्य पढ़ाऊ ( हमें वैष्णो देवी यात्रा से अमरनाथ यात्रा से सीखना चाहिए ) जिला पंचायत रुद्रप्रयाग के टीम अपने कर्तव्य का बेहतरीन निर्वहन करते हुए पाया गया जिलाधिकारी रुद्रप्रयाग यात्रा मार्ग को व्यवस्थित कर तो रहे हैं जो की एक मजबूत सराहनीय पहल है मगर पहले अफसर बाबू को ठीक करने की काफी जरूरत है! तमाम घोड़े खच्चर स्वामी उनके कार्य देखे जाए तो घोड़े खच्चर की सेवा के बाद उनको सुबह 4:00 बजे उठकर सवारी बनानी होती है! केदारनाथ में यात्रा मार्ग में तमाम कठिनाइयों के बाद यात्रियों को बेहतरीन सुविधा देने पर भी कई यात्री यहाँ तक की चोटिल हो जाते हैं! पहाड़ी से पत्थर गिरने पर घोड़े का होकर के साथ में घोड़ा तक अपनी जान गवा देता है! बिना नहाए बिना खाए पिए घोड़े खाचार स्वामी अपना कर्म करते जाते हैं! रास्ते में अफसर बाबू सेक्टर मजिस्ट्रेट के रूप में यात्रा व्यवस्था को लेकर जुड़े तमाम कर्मचारी वर्ग मजदूरों को परेशान करते पाए गए, आशा करते हैं कि इस बार की यात्रा आए हुए श्रद्धालुओं के साथ तमाम मजदूर वर्ग की भी मंगलमय यात्रा हो

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